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राजस्थान में दुर्ग स्थापत्य कला

  राजस्थान में दुर्ग स्थापत्य कला राजस्थान किलों का प्रदेश है जहाँ प्रत्येक नगर और कस्बे में किलों व गढ़ों के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। सम्पूर्ण देश में माहराष्ट्र व मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में सर्वाधिक दुर्ग मिलते हैं। यहाँ राजाओं , सामन्तों ने अपने निवास के लिए सुरक्षा के लिए , सामग्री संग्रहण के लिए , आक्रमण के समय अपनी प्रजा को सुरक्षित रखने के लिए पशु-धन बचाने के लिए तथा संपत्ति को छिपाने के लिए दुर्ग बनवाये। दुर्ग निर्माण में राजस्थान के शासकों ने भारतीय दुर्ग-निर्माण कला की परम्परा का निर्वाह किया था। अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अलग-अलग दुर्गों का निर्माण किया जाता है। शुक्र नीति में राज्य के सात महत्वपूर्ण अंगों में दुर्ग स्थापत्य को एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। शुक्र नीति में नौ तरह के दुर्ग- एरण , पारिख , पारिध , वन दुर्ग , धन्व दुर्ग , जल दुर्ग , गिरि दुर्ग , सैन्य दुर्ग तथा सहाय दुर्ग बताये गये हैं। राज्य में उक्त सभी प्रकार के दुर्ग अवस्थित हैं जो कि निम्न हैं- गिरि दुर्ग - वह दुर्ग जो किसी उच्च गिरि (पर्वत) पर स्थित होता है। मेहरानगढ़ (जोधपुर) , चित्...
UNGA में बोले पीएम मोदी भारत की खरी - खरी भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए ईमानदारी से काम करे पाकिस्तान - पाकिस्तान आतंकियों का खुले तौर पर समर्थन करता है , उन्हें प्रशिक्षण देता है , धन मुहैया कराता है और हथियार देता है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित सर्वाधिक आतंकवादियों को रखने का घटिया रिकार्ड पाकिस्तान के पास - पाकिस्तान में भय के साये में जीने और राज्य प्रायोजित दमन के शिकार हैं अल्पसंख्यक सिख , हिंदू , ईसाई समुदाय के लोग पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा यहूदी - विरोधीवाद को सामान्य बताया जाता है और इसे उचित भी ठहराया जाता है - भारत अल्पसंख्यकों की पर्याप्त आबादी वाला एक बहुलवादी लोकतंत्र है भारत में राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , मुख्य न्यायाधीशों सहित सर्वोच्च पदों पर अल्पसंख्यकों ने कार्य किया है - भारत स्वतंत्र मीडिया और स्वतंत्र न्यायपालिका वाला देश है जो हमारे संविधान पर नजर रखते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। जम्मू -...

साइकिल चलाने के फायदे (Benefits Of Cycling)

साइकिल चलाने के फायदे (Benefits of Cycling) यदि आप अपने आप को फिट और एक्टिव  बनाना चाहते हैं, तो साइकिलिंग आपके लिए सबसे शानदार तरीका है. जी हाँ यह आपके वजन को संतुलित करने के साथ-साथ आपके मूड को भी सही करता है और आपकी अनावश्यक चर्बी को भी कम करता है. कई लोग एक्सरसाइज के रूप में भी साइकिल चलाते हैं. मगर फिट रहने के लिए आपको कितनी साइकिलिंग करनी चाहिए, इस बारे में भी पता होना आवश्यक है…तो चलिए जानते हैं साइकलिंग करने के सही तरीकों के बारे में… साइकिलिंग करने का सही तरीका यदि आप अपना वजन कम करने के बारे में सोच रहे हैं तो रोजाना 10 से 15 मिनट की साइकिलिंग से ही अपनी शुरुआत करें। अगर बात सिर्फ फिट रहने की है तो आप 25 से 30 मिनट तक साइकिल चला सकते हैं। मगर ध्यान रखें शुरुआत हमेशा कम समय से ही करें। धीरे-धीरे आपका स्टैमिना खुद-ब-खुद बढ़ने लगेगा। उम्र के हिसाब से तय करें साइकलिंग का वक्त 10 से 15 साल के बच्चों को 40 से 45 मिनट तक साइकलिंग करनी चाहिए। 18 से 40 साल तक कि उम्र के लोग अपने स्टैमिना के मुताबिक साइकलिंग कर सकते हैं। मगर 45+ लोगों को एकस्पर्ट की सलाह लिए बिना साइकलिंग नहीं करनी...