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कोरोना ने क्या कुछ समाज में सुधार भी किए हैं?

  कोरोना ने क्या कुछ समाज में सुधार भी किए हैं? हां जी! ये देखिए! ☺️😃🙂 चित्र गूगल से साभार

पानी का सेवन कब नहीं करना चाहिए?

  पानी का सेवन कब नहीं करना चाहिए? पानी का सेवन हमें इन निम्न परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए - चाय तथा कॉफी के तुरंत बाद- भोजन के तुरंत बाद- एक्सरसाइज़ करने के तुरंत बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए। कम से कम 30 मिनट के बाद ही पानी पियें- जब हम खड़े हो तब पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे हमारे घुटनों पर असर पड़ता है। इसके अलावा भी शरीर को अन्य कई नुक्सान होते हैं इसलिए पानी हमेशा बैठ के पीना चाहिए-

Culture of Philippines

  Culture of Philippines Culture The Philippines is a culture in which East meets West. The Filipino people have a distinct Asian background, with a strong Western tradition. The modern Filipino culture developed through influence from Chinese traders, Spanish conquistadors, and American rulers. Filipino people tend to be very hospitable, especially to Western visitors (1). Because of their strong ties to Spanish culture, Filipinos are emotional and passionate about life in a way that seems more Latin than Asian (1). This is easily seen in the works of contemporary artists such as Rody Herrera in his painting  Unahan Sa Duluhan . The family is the basic and most important aspect of Filipino culture. Divorce is prohibited and annulments are rare (2). The family is the safety net for individuals, especially older people, during difficult economic times. Children will often stay with their parents into adulthood, only leaving when they get married (2). Political and business ties are ofte

Room definition India Vs Foreign

Room definition India Vs Foreign  

bharat chhodo andolan

राजस्थान में दुर्ग स्थापत्य कला

  राजस्थान में दुर्ग स्थापत्य कला राजस्थान किलों का प्रदेश है जहाँ प्रत्येक नगर और कस्बे में किलों व गढ़ों के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। सम्पूर्ण देश में माहराष्ट्र व मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में सर्वाधिक दुर्ग मिलते हैं। यहाँ राजाओं , सामन्तों ने अपने निवास के लिए सुरक्षा के लिए , सामग्री संग्रहण के लिए , आक्रमण के समय अपनी प्रजा को सुरक्षित रखने के लिए पशु-धन बचाने के लिए तथा संपत्ति को छिपाने के लिए दुर्ग बनवाये। दुर्ग निर्माण में राजस्थान के शासकों ने भारतीय दुर्ग-निर्माण कला की परम्परा का निर्वाह किया था। अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अलग-अलग दुर्गों का निर्माण किया जाता है। शुक्र नीति में राज्य के सात महत्वपूर्ण अंगों में दुर्ग स्थापत्य को एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। शुक्र नीति में नौ तरह के दुर्ग- एरण , पारिख , पारिध , वन दुर्ग , धन्व दुर्ग , जल दुर्ग , गिरि दुर्ग , सैन्य दुर्ग तथा सहाय दुर्ग बताये गये हैं। राज्य में उक्त सभी प्रकार के दुर्ग अवस्थित हैं जो कि निम्न हैं- गिरि दुर्ग - वह दुर्ग जो किसी उच्च गिरि (पर्वत) पर स्थित होता है। मेहरानगढ़ (जोधपुर) , चित्तौड़

Guru kumhar shish kumbh hai

गुरु का महत्त्व गुरू कुम्हार शिष कुंभ है , गढि़ गढि़ काढ़ै खोट। अन्तर हाथ सहार दै , बाहर बाहै चोट।। Guru kumhar shish kumbh hai, Gadhi gadhi kadhai khot. Antar hath sahar dai, Bahar bahai chot. अर्थ  :   कबीर दास जी ने गुरु और शिष्य के संबंधों के बारे में बताया है कि- गुरू और शिष्य का सम्बन्ध और कुम्भकार और कुम्भ का है.  जिस प्रकार कुम्भकार (कुम्हार) कुम्भ (घड़ा) को सुन्दर बनाने के लिए अन्दर हाथ लगाकर बाहर से चोट मारते हैं वैसे ही गुरु अपने शिष्य को कठोर अनुशासन में रखकर हृदय में प्रेम भावना रखते हुए शिष्य की बुराइयों को दूर करके संसार में सम्माननीय बनाता है।